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Showing posts from December, 2015

बुलेट ट्रेन और हम....

1000 राजधानी सुपर फ़ास्ट ट्रेनों की बलि चड़ा कर आएगी - सिर्फ और सिर्फ एक बुलेट ट्रेन... वो भी सिर्फ मुंबई से अहमदाबाद को जोड़ेगी अपनी रफ़्तार से, और ... कर्ज़दार होगा पूरा का पूरा देश. बीबीसी ने भी ट्वीट किया है कि: "कोई तो इस सरकार को १ लाख करोड की फिजूलखर्ची से रोके" पर जिद है "कुछ भी करना पड़े" बुलेट ट्रेन तो आएगी ही... अरे और वादों की तरह इस जुमले को भी क्यों नहीं भुला देते, क्यों लगे हो जनता को और गर्त मे ले जाने पर....                              (c) ज़फ़र की ख़बर 

संस्कृतियों का संगम, भारत और धर्म आधारित राजनिती...

भारत जैसा देश , जो अनेक प्रकार की संस्कृति का संगम है , में धर्म के आधार पर राजनिती करने के कारण बीजेपी नुकसान ही उठा रही है, यह भूल कर कि सत्ता जो हासिल हुई थी वह ' विकास ' के नाम पर बदलाव की राजनीति के आधार पर हुई थी न की ' धर्म ' के नाम पर.  यह अब जग ज़ाहिर भी हो गया है , जिसका परिणाम गुजरात के चुनाव में भी दिखा है , जहाँ इनके द्वारा "कांग्रेस मुक्त भारत" के नारे को भी नाकारा गया है. गुजरात मॉडल का सच  भी,  अब बाहर आ रहा है , जनता इनको समझ रही है और अपना नजरिया दिखा रही है. सब से प्रमुख बात तो यह है कि बीजेपी, आज कल अंतर्कलह के दौर से गुज़र रही है. अंदर ही अंदर गुटबाजी भी हो गई है. एक धड़ा है जो सत्ता में अग्रिम दिखने वाले चेहरों को एक सिरे से नकार चूका है क्योंकि उसे भी नज़रअंदाज़ किया गया है अब तक. यहाँ यह बात भी गौर करने वाली है कि ये वह लोग है जिन्होने नमो को सत्ता में यहाँ तक पहुचाया. सब इस बात को ज़रूर मानते होंगे कि जो किसी को उरूज दे सकता है तो वह समय आने पर वहीं पंहुचा भी सकता है , जहाँ से लाया था. आम जनता ने नमो को १२ साल देने की बात सोंची थी ,