हमारे देश की जनता का वह "धडा" जिसकी सरकारी दफ्तरों में पहुच है, उनसे विनती है कि वह अपने शब्दों में आम जनता को यह ज़रूर बताये की मौजूदा सरकार के आने के बाद कितना बदलाव आया है और यह बदलाव हमे कितना लाभान्वित करने वाला है...
आप को बता दूँ कि मैं भी गाहे-बगाहे मंत्रालयों में जाता रहता हूँ और सच बताऊ, सफाई से ले कर काम-काज के अंदाज़ में आया हुआ बदलाव अचंभित करता है. जैसा कि आपने स्मृति ईरानी जी द्वारा पेश किया गया सच सुना है - और सब मंत्रालयों का भी यही हाल है.
जो सत्ता में नहीं है वह सारे नेता अपना फायदा इस सरकार से निकलते रहते है और हमे बरगलाने के लिए झूठा नाटक करते रहते है... क्या आप में से किसी ने यह सुना या देखा है कि किसी एक पॉलिटिशियन ने किसी दुसरे पॉलिटिशियन के खिलाफ़ (चाहे वह अपनी या दूसरी पार्टी का हो) कभी कोई भी FIR दर्ज कराई हो. इसी तरह की और भी बहुत बाते है जो हमे समझनी है क्यों कि बातों का धरातल कुछ और होता है, हमें दिखाया कुछ और जाता है.
मेरी गुज़ारिश है सभी (विपक्ष वालों) से कि इस सरकार को हम जनता के लिए कुछ कर लेने दो. हम जनता यह पूरी तरह जानती है की आप लोगों (नेताओं) का कोई काम कभी नहीं रुकता, चाहे आप सत्ता में रहो या न रहो. इस देश का कुछ भला हो जाने दो.
अब देश चलाने - न चलाने की कोई दुहाई देने की ज़रुरत नहीं है - देश तो "ऑटो मोड" में चल रहा है. बस कुछ रचनात्मक कार्य हो जाने दो.
पहले बाहरी आकर देश लूटते थे अब हम ही लूट रहे है देश, अपना घर भरने को....
अफ़सोस सद अफ़सोस.
(c) ज़फर की ख़बर
आप को बता दूँ कि मैं भी गाहे-बगाहे मंत्रालयों में जाता रहता हूँ और सच बताऊ, सफाई से ले कर काम-काज के अंदाज़ में आया हुआ बदलाव अचंभित करता है. जैसा कि आपने स्मृति ईरानी जी द्वारा पेश किया गया सच सुना है - और सब मंत्रालयों का भी यही हाल है.
जो सत्ता में नहीं है वह सारे नेता अपना फायदा इस सरकार से निकलते रहते है और हमे बरगलाने के लिए झूठा नाटक करते रहते है... क्या आप में से किसी ने यह सुना या देखा है कि किसी एक पॉलिटिशियन ने किसी दुसरे पॉलिटिशियन के खिलाफ़ (चाहे वह अपनी या दूसरी पार्टी का हो) कभी कोई भी FIR दर्ज कराई हो. इसी तरह की और भी बहुत बाते है जो हमे समझनी है क्यों कि बातों का धरातल कुछ और होता है, हमें दिखाया कुछ और जाता है.
मेरी गुज़ारिश है सभी (विपक्ष वालों) से कि इस सरकार को हम जनता के लिए कुछ कर लेने दो. हम जनता यह पूरी तरह जानती है की आप लोगों (नेताओं) का कोई काम कभी नहीं रुकता, चाहे आप सत्ता में रहो या न रहो. इस देश का कुछ भला हो जाने दो.
अब देश चलाने - न चलाने की कोई दुहाई देने की ज़रुरत नहीं है - देश तो "ऑटो मोड" में चल रहा है. बस कुछ रचनात्मक कार्य हो जाने दो.
पहले बाहरी आकर देश लूटते थे अब हम ही लूट रहे है देश, अपना घर भरने को....
अफ़सोस सद अफ़सोस.
(c) ज़फर की ख़बर
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