Skip to main content

Posts

COVID-19 (Coronavirus): इसे हलके में न लें...

कोरोना को हल्के में लेते हुए लॉक डाऊन में बाहर निकलने वालों का क्या होता है - ये रेखांकन पढ़ें, कड़वा है पर सच यही है कि हम क्या कर रहे हैं, जाने-अनजाने में: 1 - एक दिन अचानक बुख़ार आता है ! 2 - गले में दर्द होता है ! 3 - साँस लेने में कष्ट होता है ! आपका Covid-19 टेस्ट किया जाता है: 1-1 दिन तनाव में बीतता हैं... अब टेस्ट +ve आने पर रिपोर्ट नगर निगम / नगर पालिका भेजी जाती है ! 4 - रिपोर्ट से हॉस्पिटल तय होता है ! 5 - फिर एम्बुलेंस कॉलोनी में आती है ! 6 - कॉलोनीवासी खिड़की से झाँक कर तुम्हें देखते हैं ! 7 - कुछ लोग आपके लिए टिप्पणियां करते है ! 8 - कुछ मन ही मन हँस रहे होते हैं ! 9 - एम्बुलेंस वाले उपयोग के कपड़े रखने का कहते हैं ! 10 - बेचारे घरवाले तुम्हें जी भर कर देखते हैं... टेन्सन में आ जाते है और सोचने लगते है कि अब किसका नम्बर है ! तुम्हारी आँखों से आँसू बोल रहे होते हैं... तभी आवाज़ दी जाती है / प्रशासन बोलता है... चलो जल्दी बैठो ... 11 - एम्बुलेंस का दरवाजा बन्द . . सायरन बजाते रवानगी ! 12 - फिर कॉलोनी वाले बाहर निकलते है .. 13 - फिर कॉलोनी सील कर दी जाती ह
Recent posts

अपना देश

बेटा अमेरिका में सेटल है, बेटी जर्मनी में है... कनाडा तो अपना घर है।... हम भी अमेरिका सेटल हो जाएंगे जल्दी ही... इंडिया रहने लायक देश नहीं रहा... अबकी बार छुट्टियां लंदन में बिताएंगे, बेटा ज़िद कर रहा है... ये मेरा पांचवां हज है। बला बला... पर इनको जब मौत दिखती है तो सिर्फ अपना देश ही याद आता है... ये सब ही Corona लाये हैं भारत में... इनसे दूर रहो - Covid-19 से बचो... (c) zafarkikhabar

शाहीन बाग़ खाली

पढ़े लिखे और समझदारों को समझाना बहुत कठिन होता है. पर सफलता मिली "शाहीन बाग़" खाली हो गया. शुक्रिया. देर आये पर दुरुस्त आये... It is very difficult to convince the educated and the wise. "Shaheen Bagh" got success on foot. thank you. Better late than never. تعلیم یافتہ اور عقلمند کو راضی کرنا بہت مشکل ہے۔ "شاہین باغ" کو پیدل ہی کامیابی ملی۔ آپ کا شکریہ کبھی نہیں سے دیر بہتر. (c) zafarkikhabar

जान है तो जहान है वरना कुछ नही...

अब सब लोग गंभीर हो जाइए और हँसी मजाक से आगे बढिये। कोरोना अब महामारी का रूप धारण कर चुका है। सौ बात की एक बात ये है कि शासन कभी खुल के खतरे के बारे में नहीं कहता है ताकि जनता में हंगामा न मचे।। पर स्कूलों का बंद होना, ट्रेनों का रद्द होना, अंतरराष्ट्रीय उडानों को स्थगित किया जाना प्रमाण है कि स्थिति गंभीर है, तो अब बहुत हुआ हंसी मजाक या व्हाट्सएपिया ज्ञान... अब गंभीरता से तुरंत ही सेनेटाइजर और हैंडवॉश खरीदें, सेनेटाइजर जेब/पर्स में ले के चले और हैंडवॉश+एक बाल्टी पानी घर के दरवाजे पर रखें, भीड़ वाली जगह जाने से बचें, लोगों से थोड़ी दूरी बना ही कर बात करें।। दुनिया के किसी देश के पास इसका इलाज नहीं है और कम से कम 6 माह तक होगा भी नहीं आपकी जागरूकता और सावधानी ही अभी एक मात्र उपाय है। जो लोग इस बीमारी को मज़ाक में ले रहे है वो ये जान लें कि सेनिटाइज़ेशन में इटली से हम 100 साल पीछे है और मेडिकल व सिस्टम में अमेरिका से 150 साल पीछे। फिर भी अब तक इटली में 2158 और अमेरिका में 30 से अधिक लोग मर चुके है। शुक्र है कि अभी भारत में ये वायरस सिर्फ रिच ओर अल्ट्रा रिच क्लास में है। खुदा न ख

देश और हम

मीडिया मज़े ले रहा है और देश बदनाम हो रहा है... सरकार और हम दोनों यह समझ नहीं पा रहे है... (C) zafarkikhabar