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Showing posts from January, 2016

समय के साथ-साथ बदलाव ज़रूरी

समय के साथ बदलाव ज़रूरी है और बदलाव पर चर्चा भी. क्योंकि सब जानते है बदलाव प्रकृति का नियम भी है - इतिहास गवाह है जिस भी सभ्यता ने अपने को समय के साथ नहीं बदला वो लुप्त हो गई.  हम न बदले तो हमारा भी यही हाल होगा. यहाँ यह भी कहना ज़रूरी है कि लुप्त होने वाली सभ्यता किसी भी मामले में हम से कम विकसित नहीं थी. चाहे वो सभ्यता हड़प्पा, मोहन्जोद्रो, मेसोपोटामिया या फिर मिस्र...  यह एक गहन चिंतन का विषय है... (c) ज़फ़र की ख़बर

मालदा में शर्मसार हुई इंसानियत

दुनिया तो बदनाम कर ही रही है "मुसलमानों" को या यह कहो "इस्लाम" को पर अब तो मालदा में उपद्रव कर के (so called) हिन्दुस्तानी मुसलमानों ने भी "इस्लाम" को बदनाम किया है - इससे और कोई नहीं सिर्फ और सिर्फ इंसानियत शर्मसार हुई है, या खुदा जो भी इसमे शामिल है उन्हे कभी माफ़ न करना. न जाने कब समझ आएगा लोगों को कि उपर वाले ने सदा ही "इंसानियत" को महफूज़ और बरक़रार रखना चाहा है, चाहे दौर कोई सा भी रहा हो.                          (c) ज़फ़र की ख़बर

हमारे बहादुर सैनिक - असलहे और बुलेट प्रूफ जैकेट

नमो जी, यह मेरी गुज़ारिश समस्त जनता की ओर से है कि हमारे बहादुर सैनिकों को जो पाकिस्तान सिमाँ पर है, को ताज़ातरीन असलहे और बुलेट प्रूफ जैकेट जल्द से जल्द दिलवाए. और हाँ अगर सरकार के पास पैसों की कंमी है तो हम जनता साथ है इस लिए, बस आपका इशारा काफ़ी होगा - हम एक वक़्त कम खा लेंगे पर बहादुरों को इस तरह मरने नहीं देंगे. जय हिन्द - जय भारत - जय जय. (c) ज़फ़र की ख़बर