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कालाधन से कैशलेस तक

जिन्हे मेरी पोस्ट से ऐसा लगता है कि मैं अमुक के विषय में सदा against में लिखता हूँ|
ज़रा बताएं की क्या गलत लिखता हूँ?
अब देखिए "जनता" कितनी जल्दी "भूल" जाती है या
ये कहें कि "बरगला" दी जाती है:
याद दिला रहा हूँ कि बात "कैशलेस" की नहीं,
"कालाधन" ख़त्म करने की हुई थी।
सबको याद है ना कि यही कहा था?
ठीक है वादा पूरा मत करो - पर मुद्दों से तो मत बहकाओ...
जय हिन्द.

(c) ज़फर की ख़बर

Comments

  1. This could be a strategy - की रुपयों पर भार कम होगा, छपाई का और कुछ नहीं है।

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