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Showing posts from November, 2015

लालू जी यह क्या...

अरे, यह क्या किया... कहा गई लालू जी आपकी दूरंदेशी, फिर पड़ गए परिवार वाद में... आप ये क्यों नहीं सोंचते कि राष्ट्रीय तौर पर सत्ता का दूसरा विकल्प बनने के बीच आपकी यही सोंच रोड़ा बनेगी... औरों का क्या है - लौट जाएँगे अपने पुराने दोस्तों के साथ...                                (c) ज़फ़र की ख़बर

Headlines in Country's Print & Electronic Media

Topics presently running in the headlines of Country's Print, Electronic Media (NEWS) are only political stunts made by the ruling party just to divert the mind of public.  No One, Neither Muslims Nor Hindus or Other communities are suffering here in India these days. All propaganda between the public in the nation,  are intentionally created, so we should not asked any question to present Govt. that "Where is Development".  It is a strategically planned things, why don't we people take example from the recent past and have a look on market that this year it was TOOR DAL which burdened us a lot and the next is MUSTERED OIL as per the statement came out, well before by the concerned minister that growth of mustered is seems to be low in coming time.                     (c) Zafar Ki Khabar

इस्लाम आतंकवाद नहीं सिखाता

यह   मुद्दा सच है   और     सोचने वाला भी कि   " अगर इस्लाम आतंकवाद सिखाता ,  तो   संसार में उपलब्ध   अरबों की संख्या में मौजूद मुस्लमान दुनियाँ का क्या हाल कर देते , इसे आसानी से समझा जा सकता है..." आज दुनिया में  आतंकवाद से  सब से ज्यादा कोई प्रभावित है तो वह है मुस्लमान. आंतकवाद को बढ़ावा दिया ही इसी वजह से गया है की संसार में एकजुटता न आये और अग्रिम देशों का वर्चस्व क़ायम रहे....      सब जानते है कि आतंकी का कोई धर्म नहीं होता , यह आतंकी सदा ही सत्तारूढ़ लोगो के इशारे पर ही अपनी कारस्तानी किया करते क्यों की सत्तारूढ़ पार्टी अपना वर्चस्व कायम रख़ने की खातिर ऐसा कराती है... फिर भी बे-मतलब के बातों मे फँस कर हम धरातल पर जो सवाल है ,  उसको भूल गए हैं और इन बेमानी बातों में अपना समय खराब कर रहे है. अब आप खुद सोंचे कि मौजूदा सरकार   जिस मुददे को ले कर सत्ता में आई थी ,  वह था   “ विकास ”   जो न जाने कहा खो गया है , जनता इनसे यह न पूछ ले   कि कहाँ है   “ विकास ”   इस लिये तरह तरह का बेमानी मुद्दा उठाया जा रहा है , जिससे हम भटक जाये और इनसे   यह पूछना भूल जाए. अगर ध्यान स

शीतकालीन सत्र - त्राहि त्राहि की ओर बढ़ता एक और कदम

सब को पता चल ही  गया है कि अगले संसद का सत्र २३ नवम्बर २०१५ से चलेगा और इसमे भे पिछली बार जैसा हंगामा होना लाज़मी है|  इन्ही सब बातों को ध्यान मे रखते हुए स्पीकर सुमित्रा महाजन ने संसद सदस्यों के नाम एक  चिट्टठी लिखकर संसद की मर्यादा और आचरण की याद दिलाते हुए आग्रह किया है कि  26 नवंबर से शुरु हो रहे शीतकालीन सत्र में  वो विरोध करें पर संसद की मर्यादा औऱ अनुशासन को ध्यान में रखते हुए ।   स्पीकर महोदया ने  साथ में यह भी कहा है की जीवन के हर पहलू में प्रत्‍येक व्‍यक्ति से शा‍लीनतापूर्ण और नैतिक आचरण की उम्मीद की जाती है और उन्हे आशा है कि सदस्‍यगण स्‍वीकार्य मर्यादा के अनुरूप आचरण करेंगे। अब देखना यह है कि क्या सांसद इनकी इन बातों का संज्ञान भी लेते है या नहीं?  जहाँ तक मेरा अनुमान है, यह सत्र भी केवल हम जनता के पैसे की बर्बादी ही साबित होगा और हम त्राहि त्राहि की ओर एक कदम और आगे बढ़ जायेंगे ।                                                     (c) ज़फ़र की ख़बर     

NaMo just for development, nothig else.

People of India given mandate to NaMo just for development, nothing else, for which he is totally failed.  Rest everything is normal in the country and each and every Govt. done the same at their tenure. Why? NaMo is giving these visits, a hype. It is just to divert the mind of publi c as nothing constructive is happening on ground level.  I have a question, why NaMo giving space to any one of his party member for doing bla bla things.  U ppl are requested to be here at my blog:  www.zafarkikhabar.blogspot.com  h ere you people always see the facts and my predictions, which are proved and going to be the same in future too. As I am not writing anything here with biased intention.                                                     (c) Zafar Ki Khabar

अंदरूनी कलह और बीजेपी

अगर नामों जल्दी न समझे तो बहूत देर हो जायेगी. क्यूकि मै पहले ही लिख चुका हूँ अमित शाह को लोग पसंद नही करते है जिसका असर बिहार मॆ सब को दिख चुका है.  अंदरूनी तौर पर बीजेपी के अंदर की कलह अब खुलकर सामने आ रही है, एक धढा है जो यही चाहता है और उसकी पकड़ भी है इस चुनावी इलाके मॆ मौजूदा बीजेपी अध्यक्ष से ज्यादा है.   हमारी सोच तो यह कहती है कि "अमित शाह" तो गयो. इस विषय पर नामों का यह क़दम फायदेमंद भी होगा, आने वाले समय के लिए.  भाजपा को बचना है, तो सुधार तो करना ही पड़ेगा क्यूकि "नमो का त्लिस्म" अब टूट चुका है जनता इन्हे "फेकू" के नाम से सम्बोधित करने लगी है.  सम्भल जाओ कयूकि गया हूआ समय लौट कर नही आता.                                     (c) ज़फर की ख़बर

दिवाली मुबारक

                                            (c) ज़फ़र की ख़बर 

बसपा की सुगबुगाहट - उत्तर प्रदेश में.

सुन लो जी आप सब, एक बात और: बहनजी आ रही है २०१७ में उत्तर प्रदेश कि सत्ता पैर, अगर किया गया विकास निही दिखाया गया, तो बहुत मुश्किल हो जाएगी सपा के लीये...               (c) ज़फ़र कि ख़बर  

लो हो गई एक और हार, नमो की

नमो को सम्पूर्ण भारत में सिर्फ और सिर्फ विकास के मॉडल पर पसंद किया गया था और इसी कारण सम्पूर्ण बहुमत प्राप्त हुआ.  भारत कि सम्पूर्ण जनता ने गुजरात का विकास मॉडल देखा और यही चाहा कि समस्त भारत इसी तरह विकास की ओर अग्रसर होगा, पर समय कि विडम्बना देखो बीजेपी ने यह सब भुला दिया और ओड़ ली सम्प्रदाईकता की चादर. मैने इन्ही बातों तो भांप कर अपना यह ब्लॉग लिखा था: http://zafarkikhabar.blogspot.in/2015/10/blog-post_18.html वोह तो नितीश+लालू को बहुमत आ गया है नहीं तो इस ब्लॉग में लिखी आखरी लाइन भी चरितार्थ हो जाती. यहाँ यह ज़रूर कहना चाहूँगा कि अगर शत्रुघ्न सिन्हा को बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में आगे किया गया होता तो आज बीजेपी बिहार में इतनी बुरी स्थिती का सामना नहीं करना पड़ता. अगर आप मेरा यह ब्लॉग पढेगे तो ज़रूर सोंचेगे कि यह भी अध्बुध था: http://zafarkikhabar.blogspot.in/2015/09/blog-post_14.html इसके फेल होने के बाद भी, बीजेपी और नमो कि आँख नहीं खुली - जिसका परिणाम आज आप लोगों के सामने है. यह बात भी सच है कि नमो के द्वारा अमित शाह को बीजेपी का राष्ट्रिय अध्यक्ष ब

लो अब लौटने कि बारी पूर्व सैनिकों की

वन रैंक, वन पेंशन पर पूर्व सैनिक लौटाएंगे अपना मेडल क्यों कि उनकी सुनी नहीं जा रही. देश भर में दस नवंबर २०१५ को डिप्टी कमिश्नर को ये अपना मेडल वापस कर देंगे। अगर डिप्टी कमिश्नर मेडल लेने नहीं आए तो सब मेडल उनकी जगह पर छोड़कर वापस आ जाएंगे। साथ ही ११ नवम्बर को यह सब पूर्व सैनिक दीपावली के इस त्यौहार को काले दिवस के रूप में मनाएंगे.. वो भे बिना दीया जलाये..                                    (C) ज़फ़र कि ख़बर 

छोटा राजन हिन्दू शेर - साध्वी प्राची

बीजेपी नेताओं  द्वारा बला बला - करना - अब तो यह एक सोंची समझी साजिश प्रतीत होती है, वरना ऐसा कोई एक बार या दो बार ही भूल से कहा जा सकता है, न कि बार बार.   हाँ, न्यूज़ में बने रहने का यह फार्मूला बढ़िया है... पार्टी का किसको ख्याल है... बला बला बला....                                         (c) ज़फ़र कि ख़बर  

बिहार चुनाव और इ. वी ऍम. मशीने

कही न कही सभों के मन में यह चल रहा होगा कि कल क्या होगा बिहार चुनाव का परिणाम. इसी सोंच को और भी पुख्ता करता है इससे सम्बंधित दिया गया एग्जिट पोल, जिसे विभिन संस्थाओं ने अपने अपने माध्यम से पेश किया है, जिस पर सभों कि पैनी नज़र है. इन सब कयासों के साथ साथ एक बात और है कि अगर इ. वी ऍम. मशीनों में किसी भी प्रकार की छेदछाड़ कि गए होगी तो क्या होगा? अरे! इसमे सोचने कि क्या बात है इससे सिर्फ और सिर्फ बीजेपी को ही फायदा होगा. क्योंकि चलता तो सब केंद्र से ही है ना. आगे भगवान् मालिक है. पर एक बात है नब्ज़ तो सभी के तेज़ तेज़ चल रही है. आप मेरे अनुमान पर भी अपनी नज़र रखे, सब को पता है कि जनता जनार्दन जो अपनी राय दे रही है – वो ही सर्वोपरि है. बाकी खेल में वोही होता है जो सोंच समझ कर खेला जाता है.                   (C) ज़फ़र कि ख़बर  

बला बला से कुछ नहीं मिलना

विपक्ष चाहे कितना भी मुद्दा उठा ले, पर सबको यह पता है कि यह सरकार चलेगी तो पूरे 05 साल... फिर यह वाद विवाद क्यों... विपक्ष वालों इस सरकार को कुछ कर लेने दो.. क्यों लगे हो हम आम जनता का पैसा बर्बाद करने में. जब से यह सरकार आई है - बताओ कुछ कर के दिया है इसने? उस पर सोने पे सुहागा है विपक्ष - दोनों मिल कर गर्त में ले जा रहे है देश को... सदन चला नहीं, भूमि का मुद्दा अनसुलझा है अब तक... और अब यह नया मुद्दा असहिष्णुता.. किसी को कुछ नहीं मिलने वाला इन् बातों से. कोई बोलने से नहीं चूक रहा.. सब बला बला कर रहे है.. जो अहम्म मुद्दा है खो सा गया है कब संभालेंगे हम खुद को जिससे देश संभल पाए... सामने वाले कि गलती सब को दिखती है, कब लोग अपनी कमियां खुद दूर करेंगे.  दूसरों पर कीचड उछालना आसान है... सरकार को कुछ कर लेने दो - कुछ तो विकास हो, धरातल पर कुछ तो दिखे... अगर यही हाल रहा तो वोह दिन दूर नहीं जब सब तरफ हहाकार ही हहाकार होगा.                         (c) ज़फ़र कि ख़बर 

गोद लिया गाँव भी न बचा पाए, नमो...

नमो के गोद लिये गाँव में भी भाजपा को नकार दिया गया.. इन्ही बातों को भाँप कर ही लिखा था, मैने अपना यह ब्लॉग: http://zafarkikhabar.blogspot.in/2015/10/blog-post_6.html और सच कहता हूँ, यह भी गौर करने वाला है: http://zafarkikhabar.blogspot.in/2015/09/blog-post_9.html बाकी आप लोग खुद देख लेना - आगे.                             (c) ज़फ़र की ख़बर