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बिहार चुनाव और इ. वी ऍम. मशीने

कही न कही सभों के मन में यह चल रहा होगा कि कल क्या होगा बिहार चुनाव का परिणाम. इसी सोंच को और भी पुख्ता करता है इससे सम्बंधित दिया गया एग्जिट पोल, जिसे विभिन संस्थाओं ने अपने अपने माध्यम से पेश किया है, जिस पर सभों कि पैनी नज़र है.

इन सब कयासों के साथ साथ एक बात और है कि अगर इ. वी ऍम. मशीनों में किसी भी प्रकार की छेदछाड़ कि गए होगी तो क्या होगा? अरे! इसमे सोचने कि क्या बात है इससे सिर्फ और सिर्फ बीजेपी को ही फायदा होगा. क्योंकि चलता तो सब केंद्र से ही है ना. आगे भगवान् मालिक है. पर एक बात है नब्ज़ तो सभी के तेज़ तेज़ चल रही है.

आप मेरे अनुमान पर भी अपनी नज़र रखे, सब को पता है कि जनता जनार्दन जो अपनी राय दे रही है – वो ही सर्वोपरि है. बाकी खेल में वोही होता है जो सोंच समझ कर खेला जाता है.

                  (C) ज़फ़र कि ख़बर 

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मीडिया मज़े ले रहा है और देश बदनाम हो रहा है... सरकार और हम दोनों यह समझ नहीं पा रहे है... (C) zafarkikhabar

उत्तर प्रदेश चुनाव २०१७

कुछ तारो ताज़ी हलचल, सुनगुन और हालात पर नज़र डालने के बाद आज मैं इस मुक़ाम पर पंहुचा हूँ की अगला चुनाव उत्तर प्रदेश के इतिहास में कुछ नया ही मोड़ लाने वाला है. सुन कर आप को भी यकीन नहीं आएगा पर क्या करूँ सच तो सच ही है और मुझे सच कहने की आदत जो है तो कहूँगा ही. आगामी २०१७ के चुनाव में प्रदेश के सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी "समाजवादी पार्टी" इस बार चुनाव "भारतीय जनता पार्टी" के साथ लड़ेगी. अभी यह सुन कर कुछ अटपटा सा लगेगा, पर यही सच्चाई है. इस पर अभी बहुत कुछ होना बाकी है... आगे आगे देखिये होता है क्या... सच कहता हूँ - सारे समीकरण बदल जायेंगे. और यह अपना काम कर जायेंगे. क्योंकि दोनों पार्टी का एक ही मुद्दा है सिर्फ और सिर्फ सरकार में बने रहना...                                                         (c) ज़फ़र की ख़बर 

सच्चाई से मुहं क्यों मोड़ना...

बहस कोई भी चल रही हो - सिक्के के दोनों पहलु को देखना चाहिए.. मेरी नज़र में औरंगजेब और अशोक दोनों मे कोई फर्क नहीं है... जहाँ औरंगजेब ने लाखों ग़ैर मुस्लिम इंसान से तलवार के नोक पर इस्लाम कबूल करवाया, वही अशोक ने लाखों इंसानों को बिना किसी गुनाह के मरवा दिया.. सोंचो क्या फर्क है दोनों में - कोई फर्क नहीं क्युकि मरा तो इंसान ही दोनों दौर मे. इतिहास के पन्नों पर हमने तो यह पाया कि अशोक ज्यादा पापी है क्युकि उसने जान ली सबकी पर औरेंग्ज़ेब ने सब की जान नहीं ली, उसने धर्म परिवर्तन करवाया, जो सब करवाते है. क्या आज के दौर मे "घर वापसी" का आह्वान नहीं हो रहा या अनेको धर्म प्रचारको द्वारा अनेक प्रकार के लालच देकर देश के अलग अलग जगह पर लोगों का धर्म परिवर्तन नहीं करवाया जा रहा. जागो दोस्तों - सच्चाई से मुह मत मोड़ो - इतिहास के पन्नो को पढो - फिर राए बनाओ, न की पॉलिटिक्स की नज़र से. आदीकाल से जो भी हमारे देश का इतिहास रहा है - सजो कर रखो - क्योंकि जिस भी देश ने अपने इतिहास को नहीं सजोया - उनपर किसी न किसी दूसरों ने अपना कब्ज़ा कर लिया है. समय इसका गवाह है. संवारो खुद को और अपनी आने वाली...