नमो को सम्पूर्ण भारत में सिर्फ और सिर्फ विकास के मॉडल पर पसंद किया गया था और इसी कारण सम्पूर्ण बहुमत प्राप्त हुआ.
भारत कि सम्पूर्ण जनता ने गुजरात का विकास मॉडल देखा और यही चाहा कि समस्त भारत इसी तरह विकास की ओर अग्रसर होगा, पर समय कि विडम्बना देखो बीजेपी ने यह सब भुला दिया और ओड़ ली सम्प्रदाईकता की चादर.
मैने इन्ही बातों तो भांप कर अपना यह ब्लॉग लिखा था:
http://zafarkikhabar.blogspot.in/2015/10/blog-post_18.html
वोह तो नितीश+लालू को बहुमत आ गया है नहीं तो इस ब्लॉग में लिखी आखरी लाइन भी चरितार्थ हो जाती.
यहाँ यह ज़रूर कहना चाहूँगा कि अगर शत्रुघ्न सिन्हा को बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में आगे किया गया होता तो आज बीजेपी बिहार में इतनी बुरी स्थिती का सामना नहीं करना पड़ता.
अगर आप मेरा यह ब्लॉग पढेगे तो ज़रूर सोंचेगे कि यह भी अध्बुध था:
http://zafarkikhabar.blogspot.in/2015/09/blog-post_14.html
इसके फेल होने के बाद भी, बीजेपी और नमो कि आँख नहीं खुली - जिसका परिणाम आज आप लोगों के सामने है.
यह बात भी सच है कि नमो के द्वारा अमित शाह को बीजेपी का राष्ट्रिय अध्यक्ष बनाया जाना बिहार, बंगाल और उत्तरप्रदेश के लिए सही नहीं है क्योंकि इन जगहों पर कोई भी अमित शाह को पसंद नहीं करता है और इसका परिणाम भी नमो को चुकाना पड़ रहा है.
आदरनिये प्रधानमंत्री जी अभी भी देर नहीं हुई है, अगर आप इसपर चिंतन कर लें तो हालात बदल सकते है... नहीं तो?
मैने यह भी सही लिखा था:
http://zafarkikhabar.blogspot.in/2015/10/blog-post_6.html
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(c) ज़फ़र की ख़बर
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