कथनी और करनी में अगर अंतर आ जाये तो समय कैसे बदलता है, यह हम सब बिहार चुनाव में साफ़ देख सकते है, जो चाय चाय करते आये थे अब गाय गाय करते हुए जाने की त्यारी में है.
कोई तो उन्हे बताये कि अब हम समझदार हो गये हैं. संभल जाएँ.
अब सब देखना, इस चुनाव प्रचार में जिसको बुरा कहा जा रहा हैं, ये सरकार उसी के साथ बनायेंगे.
(c) ज़फर की खबर
कोई तो उन्हे बताये कि अब हम समझदार हो गये हैं. संभल जाएँ.
अब सब देखना, इस चुनाव प्रचार में जिसको बुरा कहा जा रहा हैं, ये सरकार उसी के साथ बनायेंगे.
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