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Showing posts from 2016

Obey the Master...

It is enough now... everyone putting his / her finger on the supreme body of the country without knowing the fact that why such thing happens in the country, try to understand. I am writing this below to give you all an idea and fully understand that you all are capable to find out the details about it: We are only puppets, our strings are being pulled by a force, which is not even known to, most of us. Obey the Master, at any cost. Who is the Master??? No one, even care to know this. It is Surprising, but Fact. Explore it - if you can... (c) zafar ki khabar

Bla, bla, bla on FB / WhatsApp...

वो बातें जिसका मतलब कुछ नहीं निकलता पर होती और की जाती हैं उन बातों को "औरतों" की बातें कहा जाता है - यह सब को पता है और जग ज़ाहिर भी है, किसी को इस पर शक नहीं होना चाहिए... और आज हमारा FB / WhatsApp पर यही हाल हो गया है - हम सब ना चाह कर भी "अमुक बातों" का हिस्सा हो गए है, जिसकी खिल्ली हमारे पूर्वज उड़ाया करते थे... आज हम FB पर आते हैं bla, bla, करते है और खुश हो जाते हैं - क्योंकि: हम कुछ करने लायक़ बचे / रहे ही नहीं है, ठीक उसी तरह जैसे पुराने वक़्त में घर की house wife हुआ करती थीं... सब कुछ जानते हुए भी उनका समाज तथा इसके बदलाव में कोई हस्तछेप नहीं होता था... मैने ऊपर जो लिखा है - पढने में शायद अटपटा सा लगे - पर है चिंतन का विषय - इसे एक बार और पढे और सोंचे... ये क्या कर रहे है हम सब लोग... ? नोट: "औरतों" और "house wife" जैसे शब्दों को प्रयोग तथ्य को समझाने हेतु केवल उदधारण के रूम में किया गया है, - कृप्या कोई इसे personal ना ले... धन्यवाद! (c) zafar ki khabar

कालाधन से कैशलेस तक

जिन्हे मेरी पोस्ट से ऐसा लगता है कि मैं अमुक के विषय में सदा against में लिखता हूँ| ज़रा बताएं की क्या गलत लिखता हूँ? अब देखिए "जनता" कितनी जल्दी "भूल" जाती है या ये कहें कि "बरगला" दी जाती है: याद दिला रहा हूँ कि बात "कैशलेस" की नहीं, "कालाधन" ख़त्म करने की हुई थी। सबको याद है ना कि यही कहा था? ठीक है वादा पूरा मत करो - पर मुद्दों से तो मत बहकाओ... जय हिन्द. (c) ज़फर की ख़बर

जयललिता को दफनाया क्यों?

जयललिता को दफनाया क्यों? आज यह सवाल बहुतों के दिमाग में है यह अवगत हो कि धर्म से इसका कोई मतलब नहीं है क्योंकि जलाने ,दफ़नाने, खुला छोड़ देने की परम्पराये दुनिया में geographic impact का नतीजा है - ना की किसी धर्म का कर्म. इस मामले में ज्ञान वर्धन की ज़रूरत हैें. क्योंकि religion जब भी - जहाँ भी पनपा है उस पर भूगोल का असर रहा है - धर्म में भौतिक उपलब्धि के आधार पर ही चीजें incorporate की गई है. अभी इतना ही - बाकी का ज्ञान फिर कभी... (c) ज़फर की खबर

अपनापन

दुकानदारों का, खरीदारों पर विश्वास और बढ़ गया है... उधार देते वक़्त, कोई सवाल नहीं किया जा रहा... यह है वक़्त के साथ, समय का बदलता निज़ाम... इसका काले धन से कोई दूर दूर तक रिश्ता नहीं है... ये अपनापन है... जय हिन्द.                                         (c) ज़फर की खबर

क़ुरान और इस्लाम

पूरी दुनिया इंसानियत के लिए है और यह किताब भी इंसान और इंसानियत की बात बताती है पर इस किताब को इंसान से दूर कर दिया गया है, अफ़सोस! कुरान कहता है या तो क्रिमिनल हो जाओ या मुसलमान हो जाओ. जो क्रिमिनल होगा वो कभी मुसलमान नहीं हो सकता और मुस्लमान कभी क्रिमिनल नहीं हो सकता. जो कहने को मुसलमान है और क्रिमिनल है वो सिर्फ और सिर्फ "शैतान" है मुसलमान नहीं. कहा जाता है क़ुरान हिफ्ज़ कर लो - जबकि होना यह चाहिए की इसके मानी (मतलब) को समझा जाये. जिससे पता चलेगा कि एक इंसान अपनी ज़िन्दगी कैसे जिए. क़ुरान में क़रीब 6,666 आएतें है जिसमे से करीब 06 नमाज़; 06 रोज़ा और 06 ही हज के बारे में हैं. इसके इलावा सारी की सारी सिर्फ और सिर्फ इंसानियत और इंसानी ज़िन्दगी से वाबस्ता हैं. पर यह सच्चाई हमारे धर्म के ठेकेदारों द्वारा कभी किसी को सही नहीं बताई जाती है. उपरोक्त नमाज़, रोज़ा एवम् हज के पीछे क्या वजह है नहीं बताये/समझाए जाते है. बस कहा जाता है नमाज़ पढो, रोज़ा रखो, ज़िन्दगी में एक बार हज ज़रूर करो नहीं तो "गुनाह" पाओगे, गुनाह, गुनाह, गुनाह - और हम इस लफ्ज़ "गुनाह" के डर से आगे कु

वतन की सरजमीन के लिए जान दे देना - ये कुरान भी कहता है...

ओवैसी ने कहा था कि वह ‘भारत माता की जय’ नहीं बोलेंगे। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान के विरोध में ओवैसी ने यह बात कही थी। भागवत के कथानुसार नई पीढ़ी को भारत माता की जय बोलना सीखाना होगा जिस पर असदुद्दीन ओवैसी ने सभा में मौजूद लोगों से कहा था कि मैं भारत में रहूंगा पर भारत माता की जय नहीं बोलूंगा। क्योंकि यह हमारे संविधान में कहीं नहीं लिखा है न यह बोलना जरूरी है। अब आप यह पढे जो एक सबसे बड़े इस्लामिक विद्वान ने कहा है  कि, देश को मां का दर्जा देना इस्लाम में लिखा है। यहाँ एक दिलचस्प पहलू ये है कि इस्लाम के जिस संप्रदाय से असदुद्दीन ओवैसी का संबंध है, "ताहिर उल कादरी" उसी संप्रदाय में दुनिया के बड़े विद्वानों कहे जाते हैं: बीते दिनों AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने यहां तक कहा था कि अगर उनकी गर्दन पर छुरी भी रख दे कोई तो भी वह ये नहीं बोलेंगे। जिसके बाद से पूरे देश में बवाल शुरू हो गया। कई नेताओं ने उनके इस बयान का विरोध किया। एक बीजेपी नेता ने तो यहां तक बोल दिया था कि ओवैसी की जुबान काटने वाले को वह एक करोड़ का इनाम देंगे। इसी बीच पाकिस्तान के मशहूर इस

Police's Horse

This is called destruction and a loss of time, efforts and money due to an act done by individual to take political millage to shape their political career... very unfortunate: The horse is not being able to stand, a team of doctors is coming from Mumbai & Pune. A US national is also coming - Sadanand Date, SSP Dehradun.                               (c) Zafar Ki Khabar 

देश और मौजूदा सरकार...

हमारे देश की जनता का वह "धडा" जिसकी सरकारी दफ्तरों में पहुच है, उनसे विनती है कि वह अपने शब्दों में आम जनता को यह ज़रूर बताये की मौजूदा सरकार के आने के बाद कितना बदलाव आया है और यह बदलाव हमे कितना लाभान्वित  करने वाला है... आप को बता दूँ कि मैं भी गाहे-बगाहे मंत्रालयों में जाता रहता हूँ और सच बताऊ, सफाई से ले कर काम-काज के अंदाज़ में आया हुआ बदलाव अचंभित करता है. जैसा कि आपने स्मृति ईरानी जी द्वारा पेश किया गया सच सुना है - और सब मंत्रालयों का भी यही हाल है. जो सत्ता में नहीं है वह सारे नेता अपना फायदा इस सरकार से निकलते रहते है और हमे बरगलाने के लिए झूठा नाटक करते रहते है... क्या आप में से किसी ने यह सुना या देखा है कि किसी एक पॉलिटिशियन ने किसी दुसरे पॉलिटिशियन के खिलाफ़ (चाहे वह अपनी या दूसरी पार्टी का हो) कभी कोई भी FIR दर्ज कराई हो. इसी तरह की और भी बहुत बाते है जो हमे समझनी है क्यों कि बातों का धरातल कुछ और होता है, हमें दिखाया कुछ और जाता है. मेरी गुज़ारिश है सभी (विपक्ष वालों) से कि इस सरकार को हम जनता के लिए कुछ कर लेने दो. हम जनता यह पूरी तरह जानती है की आप लोगों

आज का दौर और हमारी सोंच

आज के दौर में हमेँ एक आदत डाल लेनी चाहिए वो है किसी भी बातों के पीछे छिपी सच्चाई को जानने की, कि उसकी वजह क्या है और क्यों है. क्युकि आजकल जो होता है या किया जाता है वो हमारे सोच से परे की चीज़ होती है और हम बिना सोचे समझे अपना विचार व्यक्त करने लगते है - जब तक हमें सच्चाई समझ मे आती है, उसका फयदा उठाया जा चूका होता है. इस समय यह बहुत ही ज्वलंत और चिंतन का विषय है - आप सब लोग इसको ज़रूर सोंचें.                   (c) ज़फ़र की ख़बर 

समय के साथ-साथ बदलाव ज़रूरी

समय के साथ बदलाव ज़रूरी है और बदलाव पर चर्चा भी. क्योंकि सब जानते है बदलाव प्रकृति का नियम भी है - इतिहास गवाह है जिस भी सभ्यता ने अपने को समय के साथ नहीं बदला वो लुप्त हो गई.  हम न बदले तो हमारा भी यही हाल होगा. यहाँ यह भी कहना ज़रूरी है कि लुप्त होने वाली सभ्यता किसी भी मामले में हम से कम विकसित नहीं थी. चाहे वो सभ्यता हड़प्पा, मोहन्जोद्रो, मेसोपोटामिया या फिर मिस्र...  यह एक गहन चिंतन का विषय है... (c) ज़फ़र की ख़बर

मालदा में शर्मसार हुई इंसानियत

दुनिया तो बदनाम कर ही रही है "मुसलमानों" को या यह कहो "इस्लाम" को पर अब तो मालदा में उपद्रव कर के (so called) हिन्दुस्तानी मुसलमानों ने भी "इस्लाम" को बदनाम किया है - इससे और कोई नहीं सिर्फ और सिर्फ इंसानियत शर्मसार हुई है, या खुदा जो भी इसमे शामिल है उन्हे कभी माफ़ न करना. न जाने कब समझ आएगा लोगों को कि उपर वाले ने सदा ही "इंसानियत" को महफूज़ और बरक़रार रखना चाहा है, चाहे दौर कोई सा भी रहा हो.                          (c) ज़फ़र की ख़बर

हमारे बहादुर सैनिक - असलहे और बुलेट प्रूफ जैकेट

नमो जी, यह मेरी गुज़ारिश समस्त जनता की ओर से है कि हमारे बहादुर सैनिकों को जो पाकिस्तान सिमाँ पर है, को ताज़ातरीन असलहे और बुलेट प्रूफ जैकेट जल्द से जल्द दिलवाए. और हाँ अगर सरकार के पास पैसों की कंमी है तो हम जनता साथ है इस लिए, बस आपका इशारा काफ़ी होगा - हम एक वक़्त कम खा लेंगे पर बहादुरों को इस तरह मरने नहीं देंगे. जय हिन्द - जय भारत - जय जय. (c) ज़फ़र की ख़बर